किसी को क्या🔸 बताएं कितने मजबूर है हम,
जिसे चाहा था दिल से उसी 🔸से दूर है हम…!
मेरे गीत सुने 🔸दुनिया वालों ने,
मगर मेरा दर्द कोई ना 🔸जान सका,
एक तेरा 🔸सहारा था दिल को पर,
तू भी मुझे ना पहचान 🔸सका…!!
पता तो मुझे भी 🔸था कि लोग बदल जाते हैं,
पर मैंने तुम्हें उन लोगों में कभी 🔸गिना ही नहीं था…!!
कितने शौक से 🔸छोड़ दिया तुमने बात करना,
जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई🔸 बोझ थे हम…!!