आँख में पानी🔸 रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें 🔸बहुत सारी रखो !
उस आदमी को🔸 बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया 🔸इसे ख़राब करूं
ये हादसा तो किसी🔸 दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज 🔸मरने वाला था
हम से पहले भी 🔸मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर 🔸तो हटाते जाते
इन रातों से अपना🔸 रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब🔸 छतों पर बिखरे हैं