रात की चाँदनी🔸 में बसे सपनों को,
तुम्हारे दिल से लगने का 🔸मौका मिले.
चाँद सितारे🔸 सब तुम्हारे लिए,
सपने मीठे-मीठे तुम्हारे🔸 लिए,
भूल न 🔸जाना तुम हमे,
इसलिए शुभ रात्री का 🔸पैगाम तुम्हारे लिए.
रात गुमसुम हैं🔸 मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे 🔸होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी 🔸आँखों के गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का 🔸होश नहीं.
एक तु ही सबसे 🔸ज्यादा याद आती है,
एक तेरी दोस्ती ही मेरे दिल 🔸को भाती है,
किसी रात को 🔸सो जाऊ जो तुझे याद किए बिना,
कसम से तू मेरे ख्वाबों मे आकर 🔸अपनी याद दिलाती है.
रात को 🔸चुपके से आती है एक परी,
कुछ खुशियों के सपने 🔸लाती है एक परी,
कहती है 🔸सपनों के आगोश में खो जाओ,
भूल के सारे गम चुपके से🔸 सो जाओ.