Kisaan Samman Nidhi Yojana: के लिए सरकार ने शक्ति से नया कदम उठाया है इसके अंतर्गत सभी किसान जो कि पीएम किसान निधि योजना के लिए पंजीकृत हैं उन सब की जमीनों के जांच के आदेश दिए गए हैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लगभग देश के 10 करोड किसानों से भी ज्यादा किसान रजिस्टर्ड हैं सरकार के द्वारा यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उठाया गया था।
इस योजना में किसानों को साल के ₹6000 की किस्ते देने का प्रावधान है इन किस्तों को ₹2000 की 3 किस्तों में बांटा गया है परंतु हाल ही में देखा गया है कि इस योजना के अंतर्गत कुछ फर्जी किसान भी पंजीकृत हुए हैं और योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं फर्जी किसान से हमारा आशय है कि उन लोगों से हैं जिनके पास अपनी खुद की कोई जमीन नहीं है और जिनकी आर्थिक स्थिति भी सही है ऐसे लोग इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं।
PM Kisaan Nidhi New Update -सरकार के निर्देश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देखें तो उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान निधि योजना के लाभार्थी किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड जांचने के आदेश दिए हैं यानी अब लाभार्थी किसानों की कागजी जमीनों की जांच की जाएगी जानकारी सही पाए जाने पर ही किसानों के खाते में अगली किस्त जारी की जाएगी इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया है की योजना के लिए आवेदन करने वाले सभी किसानों के लैंड मैपिंग की जाएगी इससे सरकार को यह पता चलेगा कि जो किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं वह इस के योग्य है या नहीं जांच में अयोग्य पाए जाने वाले आवेदनों को निरस्त कर दिया जाएगा तथा उनकी किस्ते भी बंद कर दी जाएगी।
PM Kisaan Yojana – जांच में मिली गड़बड़ी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अब तक मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज जिले में ही कई आवेदनों में कमियां पाई गई जिनमें फर्जी दस्तावेज लगाकर लोग योजना का फायदा उठा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिन आवेदनों में कमियां पाई गई हैं उन्हें तुरंत निरस्त कर दिया गया है और विभाग के द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश के किसानों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई हैं कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि प्रयागराज में कुल 6.96 लाख लोगों ने इस योजना के लिए आवेदन करवाया था। जांच से पता लगाया जाएगा कि कौन से किसान जो है इस योजना के लिए पात्र हैं या नहीं।
PM Nidhi Yojana – किसानों से की जाएगी वसूली
किसान सम्मान निधि योजना में गलत तरीके से पंजीकृत किसानों के खिलाफ सरकार अब एक्शन लेने वाली हैं यहां तक कि उन किसानों से किस्ते वापस ली जाने की मांग भी की जा सकती हैं। सरकार के द्वारा कहा गया है कि कोई भी प्रार्थी केवल जमीन मात्र होने से वे इस योजना के लिए योग्य नहीं है इसके लिए सरकार ने कुछ खास नियम और शर्तें भी बनाई है सीबीडीटी के नए नोटिफिकेशन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिटर्न प्रस्तुत करने की तारीख वही मानी जाएगी जब फॉर्म आईटीआर-बी इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाटा ट्रांसफर करने की तारीख के 30 दिनों के भीतर जमा किया जाएगा।
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