सैर कर दुनिया 🔸की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी 🔸फिर कहाँ
क्यों डरें 🔸ज़िन्दगी में क्या होगा
कुछ न होगा तो 🔸तजुरबा होगा
बहुत पहले से🔸 उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से 🔸पहचान लेते हैं
लाई है किस 🔸मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझे
महसूस हो रही है ख़ुद 🔸अपनी कमी मुझे