Sad Life
अजीब मुक़ाम से 😌गुजरा है क़ाफ़िला ज़िंदगी का ,
सुकून 🚶♀️ढूँढने चले थे नींद भी गवा बैठे ..!!😞
चिंता🙏 मत कर मेरी Jaan जिस दिन
मैं यह दुनिया छोड़कर😌 चला जाऊँगा ,
उस दिन😌 सब ठीक हो जाएगा ..!!😭💔
जाना 😌सबको एक जगह 🚶♀️ही है ,
फिर क्यों यार ज़िंदगी में घमंड 🙏करना ..!!🙍♂️
सता ले ऐ ज़िंदगी 😌चाहे जितना सतना है ,
मुझे 🙏कौनसा इस दुनिया में दुबारा🚶♀️ आना है ..!!😣
अब समझ🔸 लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा 🔸थोड़ा-थोड़ा !!
ज़रा मुस्कुराना🔸 भी सीखा दे ऐ ज़िंदगी,
रोना तो पैदा होते ही सीख 🔸लिया था !!
जिंदगी में खुश 🔸रहने का सबसे अच्छा तरीका,
उम्मीद रब से रखो सब 🔸से नहीं..!!
अकेले ही गुजर 🔸जाती है तन्हा ज़िंदगी,
लोग तसल्लियाँ तो देते हैं 🔸साथ नहीं देते !!
कितना मुश्किल 🔸है ज़िन्दगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया,🔸 लोगों ने जीना !!
बचपन की सबसे बड़ी🔸 गलत फहमी ये थी,
की बड़े होते ही ज़िन्दगी बड़ी मज़ेदार🔸 हो जायेगी !!
ज़िन्दगी में कई🔸 सवाल खड़े हो गए,
सोचता हूँ हम क्यों बड़े🔸 हो गए.
किसी से दिल🔸 उतना ही लगाओ
कि टूट जाने के बाद तुम🔸 उसे सहन
कर सको
हासिल-ए-ज़िन्दगी 🔸हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला🔸 नहीं, वो रहा नहीं।
ऐ ज़िन्दगी, तोड़🔸 कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर🔸 से जुड़ पाए तू।
ज़िन्दगी लोग जिसे 🔸मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम 🔸जानते हैं।
छोड़ ये बात🔸 कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िन्दगी इतना बता कितना 🔸सफर बाकी है।
अब समझ लेता 🔸हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा 🔸थोड़ा थोड़ा।
चलो बिखरने🔸 देते है ज़िन्दगी को अब,
सँभालने की भी तो एक हद🔸 होती है।
अजीब तरह 🔸से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, 🔸हुआ कुछ, मिला कुछ।
कितना मुश्किल🔸 है ज़िन्दगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया 🔸लोगों ने जीना।
जुगनुओं की 🔸रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ🔸 की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम 🔸नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी🔸 कटती नहीं।
रोज़ दिल में 🔸हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये🔸 रवैया देखकर।